तो क्या सिर्फ पूर्वी ही नहीं, उत्तरी लद्दाख में भी बॉर्डर पर बात सिर से ऊपर पहुंच गई है..?
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— सौमित्र राय
— 26 जून 2020
भारत के विदेश मंत्रालय और भारत में चीन के राजदूत सुन वेदोंग ने पहली बार माना है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ भारतीय सेना की पहली मुठभेड़ जून में नहीं, बल्कि मई में हुई थी। पेट्रोलिंग पॉइंट 14 पर ठीक उसी जगह, जहां अब हमारी सेना को चौकसी से रोका गया है।

इसका मतलब है कि मोदी सरकार तमाम जानकरियों के बाद भी देश से काफी कुछ छिपा रही है। इसी अनदेखी का नतीजा गलवान घाटी में 15 जून को चीनी सेना से भिड़ंत में हमारे 20 बहादुर जवानों की शहादत के रूप में चुकाना पड़ा है।
चीनी राजदूत ने साफ़ माना है कि 5-6 मई को गलवान घाटी में दोनों सेनाओं की भिड़ंत हुई थी। इंडियन एक्सप्रेस ने भी इस खबर को प्रमुखता से छापा है । मोदी सरकार की इसी अनदेखी के चलते चीनी सेना का हौसला बढ़ा और वे भारत के दौलतबेग ओल्डी एयरबेस के 30 किमी दक्षिण पूर्व में देपसांग तक आ पहुंचे हैं।
सिर्फ सेना नहीं, भारी मशीनों और तोपों के साथ। कल देर रात मैंने अपनी पोस्ट में लिखा था कि Y जंक्शन पर भारत की सेना की गश्त रोक दी गई है। मतलब अपने ही इलाके में भारतीय सेना इसलिए गश्त नहीं कर सकती, क्योंकि चीनी सेना आकर घुसी है?
ये वही इलाका है, जहां 2013 को चीनी सेना आकर घुसी थी। तंबू गाड़े और 3 हफ़्ते तक जमी रही। Y जंक्शन को बॉटलनेक कहा जाता है। यह भारतीय सीमा के 18 किमी अंदर है। लेकिन चीन इससे भी 7 किमी आगे तक अपनी सीमा बताता है।
यानी स्पष्ट रूप से चीन LAC को बदलने की कोशिश में है। चीन से बातचीत तो हो रही है, लेकिन मौजूदा स्थिति को बदले बिना कोई भी समझौता करने का मतलब 255 किमी लंबी डार्बुक-दौलतबेग रोड को भी चीन के हवाले करने जैसा होगा। डार्बुक-दौलतबेग रोड काराकोरम हाई वे को जोड़ती है, जिसके पास ही सियाचिन भी है।
यानी चीन ने लंबी सोचकर दोतरफा चाल चली है। वह भारत को पूर्वी और उत्तरी लद्दाख से काटकर सियाचिन में भी पाकिस्तान के आगे कमज़ोर करना चाहता है।
मोदी सरकार अगर अभी भी ज़मीन पर और कूटनीतिक चैनलों के ज़रिए कोई कदम नहीं उठाती है तो देश इस बेहद संवेदनशील जगह पर पेट्रोलिंग पॉइंट 10 से 13 तक पर अपना कब्जा गंवा देगा।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और उनकी सरकार जवाब देने, देश को वास्तविक स्थिति बताने की जगह उल्टे कांग्रेस पर आरोप लगा रही है।
सच्चाई यह है कि चीन ने 2019 में 157, 2018 में 83 और 2017 में 51 बार भारतीय सीमा में घुसपैठ की है । अब ज़मीनी हालात यह हैं कि Y जंक्शन पर भारतीय सेना की चौकी के ठीक सामने चीनी फौज खड़ी है। हालात बेहद तनावपूर्ण और जंग की स्थिति में हैं। मोदी सरकार ने रूटीन ट्रेनों की आवाजाही पर 12 अगस्त तक रोक लगाई है।