5 दिन, 5 जवान लाशें, बे-हिसाब चीखें और अनगिनत सवाल
— अरूण कुमार सिंह
— 15 जून 2020
सुशांत सिंह राजपूत की मौत फिलहाल पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है । लेकिन पलामू जिले का छतरपुर-नौडीहा प्रखंड क्षेत्र का कुछ इलाका तो पिछले 6 दिन से ऐसी चर्चाओं में है, जहां 5 दिन में 5 लोगों ने मौत को गले लगा लिया है ।
पलामू जिले के छतरपुर-नौडीहा प्रखंड क्षेत्र का इलाका पिछले कई दशकों से अकाल, भुखमरी, बेकारी से लड़ रहा है । नक्सल प्रभावित इलाके के रूप में चिन्हित यहां के लोगों का मुख्य पेशा पलायन है । पलायन और पेशा ? आपको यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन यही सच है । उक्त दोनों प्रखंडों की मर्द जनसंख्या के 90% लोगों को काम के लिए बाहर भटकना शायद उनकी नियति बन गई है ! लेकिन जिंदगी के जरूरी साधन को जुटाने के लिए दर दर भटकने वाले यहां के लोग मानसिक तौर पर बेहद मजबूत हैं ।
सवा दो लाख के करीब की आबादी वाले उक्त दोनों प्रखंडों में पिछले 5 दिनों से हाहाकार मचा है । रूलर इलाके के जीवट और सामाजिक लोगों के बीच से 5 दिन में 5 आत्महत्याओं ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है । हर कोई सोचने को विवश है कि ऐसा क्या हुआ, ऐसा क्यों हुआ ? लोग डरे सहमे हैं । उनके बीच दहशत है ।
प्रेम में लोग बाधा बने तो जान दे दी
छतरपुर के सड़मा गांव के राकेश कुमार नामक युवक ने गत 9 जून को प्रेम प्रसंग से उपजे विवाद के बाद आत्महत्या कर ली थी । वह गांव की ही एक सजातीय लड़की से प्रेम करता था जिसका विरोध गांव और उसके घरवाले कर रहे थे । इस बावत नामजद मुकदमा दर्ज करवाया गया है ।
पहले नाबालिग प्रेमिका, फिर प्रेमी ने दी जान
11 जून को छतरपुर और नौडीहा थानाक्षेत्र में आत्महत्या की दो अलग अलग घटनायें हुयीं । छतरपुर के जौंरा गांव के युवक और नौडीहा के गनसा गांव की एक नाबालिग लड़की ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । लड़की गांव के ही स्कूल में सातवीं कक्षा की छात्रा थी । लड़की को रिश्ते में चाचा लगनेवाले गांव के ही सजातीय युवक से प्रेम हो गया । कहा जा रहा है कि दोनों को उनके परिवार ने अनैतिक संबंध बनाते हुए 11 जून को पकड़ा था । दोनों की पिटाई हुयी । डांटा गया । लड़की ने उसी रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । लड़का डर से अपनी नानी के यहां भाग गया । 13 जून को जब वह गांव वापस लौटा तो गांव के समीप एक जंगल में उसने भी फांसी लगाकर जान दे दी ।
बुआ से ही हो गयी थी मोहब्बत, फिर…
11 जून को ही छतरपुर के मुरूमदाग पंचायत के जौंरा गांव के 20 वर्षीय अक्षय सिंह नामक युवक का शव पुलिस ने गांव के सटे जंगल के किनारे एक पलाश के पेड़ से टंगा हुआ बरामद किया । युवक प्रवासी मजदूर था जो कुछ माह पूर्व ही गांव लौटा था । उसके गले में रस्सी का फंदा था । बताया जा रहा है कि मृतक उसी युवती से प्रेम कर बैठा जो रिश्ते में उसकी बुआ थी । यह प्रेम प्रसंग भी काफी दिनों से चल रहा था लेकिन 10 जून की रात दोनों आपत्ति जनक स्थिति में पकड़े गये । गांव वालों ने दोनों की पिटाई करके उन्हें परिजनों को चेतावनी देकर सौंप दिया था । इस घटना के दूसरे दिन युवक ने फांसी लगा ली । इस मामले में युवक की हत्या की बावत परिजनों ने नामजद मुकदमा दर्ज करवाया है ।
तिलक के बारात में जाने से मना किया तो बाप के इकलौते बेटे ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली
12 जून को घटी घटना तो अजीबोगरीब थी । नौडीहा बाजार थाना क्षेत्र के सरईडीह पंचायत के शाहपुर टोला सतकुड़वा के रामवृक्ष भूईयां के इकलौते पुत्र अरविन्द भूईयां (20 वर्ष) नामक युवक ने सिर्फ इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि कोरोना काल में अधिक भीड़ न हो, इसलिए लोगों ने एक तिलक के बारात में जाने से उसे रोक दिया था । मृतक अपने मां-बाप का इकलौता सहारा था ।
डर, दहशत, चीख और भविष्य की चिंता में पत्थर पर सिर…
लगातार घट रही ऐसी घटनाओं से लोग डर गये हैं । संबद्ध गांव और इलाके के लोगों ने अब अपने अपने देवताओं की विशेष पूजा शुरू कर दी है ताकि उनका घर परिवार सुरक्षित रहे । ग्रामीणों का कहना है कि क्या अब लोग अपने बच्चों को सामाजिक मान्यताओं के मुताबिक चलने के लिए बताना भी छोड़ दें ? क्या समाज और अभिभावक उन्हें सही गलत का भेद बताकर डांट भी नहीं सकता ? पलामू के एक अधिकारी ने कहा कि लोग बेकार बैठे हैं तो घटनायें घटेंगी ही । सभी को काम देने में सरकार फेल है । गावों में पढ़ने वाले बच्चों के पास न पढ़ाई है, न काम । दूसरे अधिकारी का कहना था कि पूरे इलाके को काउंसिलिंग की जरूरत है ।
